लोकसभा चुनाव 2024 में भारतीय जनता पार्टी की सीटें कम होने के बाद, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ( RSS ) ने BJP से छिटक गए वोटर्स को नए सिरे से साधने की योजना बनाई है।
इसके लिए देशभर में आरएसएस चुनावी नतीजों की समीक्षा कर रहा है। समीक्षा बैठकों में दलितों, पिछड़ों और रोजगार पर फोकस करने का निर्णय निकल कर आ रहा है।
दलित और पिछड़ों पर फोकस
लोकसभा चुनाव 2024 में भारतीय जनता को सबसे ज्यादा नुकसान उत्तर प्रदेश में हुआ। यहां समाजवादी पार्टी के नेतृत्व में इंडिया अलायंस ने दलित और पिछड़ा वर्ग को अपने पाले में किया। भाजपा को दलित और पिछड़े वर्ग के वोटों का नुकसान हुआ, जिससे प्रदेश में पार्टी की स्थिति बिगड़ गई।
ऐसे में RSS अब इन वर्गों पर ज्यादा ध्यान केंद्रित करने की कार्ययोजना बना रहा है। इस संदर्भ में उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में 26 जून से 4 दिवसीय बैठक हो रही हैं। यह संघ के जिला स्तरीय प्रचारकों के लिए आयोजित की गई है।
इससे पहले संघ प्रमुख मोहन भागवत भी 5 दिनों के लिए गोरखपुर पहुंचे थे। इन बैठकों में उत्तर प्रदेश सहित देश में भाजपा की स्थिति को बेहतर बनाने के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लिए जा रहे हैं।
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रोजगार योजनाओं पर भी काम
दलित और पिछड़े वर्ग पर फोकस करने के अलावा, आरएसएस ने रोजगार पर ध्यान देने का भी निर्णय लिया है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पहली बार रोजगार बढ़ाने की दिशा में काम करने वाला है।
इसके लिए आरएसएस अपने संगठन से जुड़े व्यापारियों और उद्योगपतियों से रोजगार के मौके खड़े करने के संबंध में बैठक करेगा। इसके अलावा कुटिर उद्योग पर भी जोर दिया जाएगा।
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कॉलेजों में बढ़ाएगा पहुंच
लखनऊ में हुई बैठक में संघ ने शिक्षा संस्थानों में अपनी पहुंच बेहतर करने पर भी फैसले लिए हैं। आरएसएस कॉलेजों और यूनिवर्सिटी में अपने काम बढ़ाएगा। संघ युवा पीढ़ी को जोड़ने के लिए संपर्क अभियान भी चलाएगा।
( rss review meeting ) RSS की समीक्षा बैठक
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